Surya Namaskar(सूर्य नमस्कार)-
सूर्य नमस्कार(surya namaskar) का मतलब है सूर्य को नमन करना | यह कई फयादो से भरपूर एक योगासन है जो कि हमारी संस्कृति में प्राचीन काल से मानव के लिए लाभकारी रहा है | surya namaskar सूर्य नमस्कार की पूरी जानकारी इस ब्लॉग में दी जाने की कोशिश की गयी है | आज कल हर कोई बिजी लाइफ स्टाइल के कारण अपने स्वास्थ पर ध्यान नहीं दे पा रहे है | अगर अच्छा खान पान करके कोई भी सूर्य नमस्कार हर सुबह सिर्फ २० मिनट करता है तो वह अपने आप न सिर्फ शरीक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को तंदुरस्त कर सकता है | आइये अब इस के बारे में और डिटेल से जानते है |
Table of content:-
- सूर्य नमस्कार करने की विधि 🙁 Step by Step Guide)
- प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
- हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
- पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend)
- अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
- दंडासन (Dandasana – Staff Pose )
- अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)
- भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)
- अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose)
- अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
- पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose)
- हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
- प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
- सूर्य नमस्कार के लाभ ( Benefits of surya namaskar)
- सूर्य नमस्कार करते समय सावधानियां बाते-(Precautions while doing Surya Namaskar)
- सूर्य नमस्कार करने का सही समय – (Right time to do Surya Namaskar )-
सूर्य नमस्कार करने की विधि :-
सूर्य नमस्कार १२ असानो से बना एक योगआसान है जिसकी विधि इस प्रकार है |
1. प्रणामासन :- किसी साफ़ सुधरे स्थान पर दरी बिछा के निकलते होये सूरज की ओर मुख करके खड़े हो जाये | दोनों पैरो , एड़ियों और पंजो जोड़े , रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे | सूर्य को प्रणाम करते मन में ॐ मित्राय नम: मंत का जप करते होये सूरज देवता को प्रणाम करे| यही है सूर्य नमस्कार की पहली विधि | जिसको प्रणामासन के नाम से जाना जाता है |
- हस्तउत्तनासन :- पहली अवस्था में ही खड़े हो कर दोनों हाथो को सिर के ऊपर से ले जा कर सिर , बाहो , पीठ को पीछे की और झुकाये |और ॐ रवये नम: मंत का मन में जप करे | यह दूसरा आसान सूर्य नमस्कार का |
- पादहस्तासन :- इस आसान में आगे की और झुका जाता है | दोनों हाथो को आराम से वापिस पहली अवस्था में लाते होये , कमर को आगे की ओर झुका के पैरो के बगल में जमींन पर सीधा रखे | घुटने भी सीधे रखे | सूर्य नमस्कार के तीसरे आसान में सूरज देवता के तीसरे मंत ॐ सूर्याय नम: का जप करते होए सूर्ये को प्रणाम करे |
- अश्व संचालनासन – इस आसान में दोनों हथेलियों को भूमि पर ही लगाए रखे और बाये पैर को जितना हो सके पीछे की ओर ले जाये , गरदन को पीछे करते होए आसमान में देखे और छाती को आगे की ओर रखे | ॐ भानेव नम: मंत का जप करते होये परणाम करे |
- दंडासन – अब दोनों हथेलियों को जमींन पर ही रहने दे और दोनों पैरो को दाये पैर के पास पीछे ले जाये | पैरो को एक साथ जोड़े और कमर को ऊपर उठाये और सिर एव गर्दन को निचे की ओर रखे | एक पर्वत के आकर की आकृति बन जाये गई | इस को सूर्य नमस्कार का स पांचवा आसान दंडासन कहते है | इस में मंत्र ॐ खगाय नम: का जप करना है
- अष्टांग नमस्कार – इस अवस्था में हथेलियों को जमींन पर ही रखे और चेस्ट या सीने , ठोड़ी , घुटने को जमींन पर लगाए और कमर को उठा रहने दे
- भुजंगासन– इस आसान में दोनों हथेलियों को भूमि पर ही लगाए रखे और शरीर के निचले भाग को भूमि से स्पर्श करते होए | चेस्ट को सामने , गरदन को पीछे की और ले जा कर आसमान की और देखे इसे भुजंगासन कहते है | मंत्र ॐ हिरण्यगर्भय नम: जप मन में करे |
- अधोमुख शवासन– अब दोनों हथेलियों और दोनों पैरो को भूमि पर ही लगा रहने दे | कमर को ऊपर उठा कर सिर को निचे झुका कर प्रणाम करते होये मन में ॐ मरीचये नम: जप करे |
- अश्व संचालनासन – हथेलियों को भूमि पर लगाए रखें । बाएँ पैर को घुटने से मोड़कर सामने लाते हुए दोनों के बीच में रखें दाएँ को यथासंभव पीछे ले जाएँ । छाती को सामने की ओर देखें । यह क्रिया चौथी क्रिया के समान ही है । उसमें बाएँ पैर को पीछे ले जाते हैं जबकि नौवीं क्रिया में दायें पैर को पीछे की ओर ले जाते हैं । मन में नवें मंत्र ॐ आदित्याय नम: का जप करते हुए सूर्य देवता को प्रणाम करें । यह सूर्य नमस्कार की नौवीं क्रिया की पूर्ण स्थिति है ।
- पादहस्तासन – दोनों हथेलियों को भूमि पर ही लगाए रखे धीरे धीरे सांस छोड़ते होये दाये पैर को भी बाये पैर के परस्पर रखे और आगे की ओर झुकते हुए पैरो को छुए | ध्यान रहे आप का सिर आपके घुटनो से लगना चाहिये | बिकुल वैसे जैसे की तीसरी क्रिया में किया गया है | मन ही मन में मंत्र ॐ सवित्रे नम: का उच्चारण करे |
- . हस्तउत्तनासन– सीधे खड़े हो जाये बिकुल जैसे किया गया है | सिर ,गर्दन , बाहों और कमर को पीछे ले जाये और शरीर का संतुलन बनाये रखे | इस आसान में मंत्र ॐ अर्काय नम: जप करे |
- प्रणामासन– सीधे खड़े होकर पहली क्रिया के अनुरूप दोनों हाथों को प्रणाम की मुद्रा में जोड़ लें । मन में बारहवें मंत्र ॐ भास्कराय नम: का जप करते हुए सूर्य देवता को प्रणाम करें | इस के साथ सूर्य नमस्कार के १२ स्टेप्स खतम होते है |
सूर्य नमस्कार के लाभ –
- इस आसान को शरीर में ऊर्जा का प्रवाह तेज होता है | जिससे काम करने की शक्ति बढ़ जाती है |
- इस से पाचन शक्ति बेहतर हो जाती है |
- यह पेट की चर्बी घटाने में व् मददगार है |
- शरीर को डीटॉक्स करता है|
- मन की चिंता और तनाव करता है |
- शरीर को लचीला बनता है |
- एकाग्रता शक्ति को भी बेहतर करता है |
- रीढ़ की हड्डी में मजबूती लाता है |
सूर्य नमस्कार करते समय सावधानियां बाते-
सूर्य नमस्कार करते समय कुछ बातो को भी खियाल रखना चाहिए जैसे की नीचे दी गयी है
- किसी भी प्रकार की स्बास्थ समस्या होने पर अपने डॉक्टर से डिसकस जरूर करे सूर्य नमस्कार करने से पहले |
- सूर्य क्रिया करते समय ध्यान रखिये कि इसे खाली पेट ही करे सुबह का समय सही रहता है |
- ढीले और आरामदायक कपड़ें ही पहनें।
- पूर्व दिशा की और मुख करके ही ये आसान करे |
सूर्य नमस्कार करने का समय –
surya namaskar सूर्य नमस्कार की पूरी जानकारी के लिए इस आसान को करने के लिए इस के सही समय का पता होना जरुरी है इस आसान को करने के लिए वैसे कोई भी समय ठीक है पर सुबह के समय पूरब दिशा की और मुख करके इस करना अधिक लाभकारी है शरीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी | ब्रह्म मुहूर्त में इस को करने से हमे अनेक फायदे है जैसे की काम करने की क्षमता शक्ति बढ़ जाती है |बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है |
FAQs :-
1. सूर्य नमस्कार के 12 चरण क्या हैं?
सूर्य नमस्कार के १२ आसान इस प्रकार है 1. प्रणामासन ,2. हस्तउत्तनासन, 3. पादहस्तासन,4. अश्व संचालनासन ,5. दंडासन,6. अष्टांग नमस्कार,7. भुजंगासन,8. अधोमुख शवासन,9. अश्व संचालनासन ,10. पादहस्तासन,11. हस्तउत्तनासन,12. प्रणामासन आदि |
2 . सूर्य नमस्कार से 5 किलो वजन कैसे कम करें?
वजन कम करने क लिए यह बहुत उपयोगी है अगर सूर्य नमस्कार को रोजाना सही तरीके से किया जाये और अपनी दैनिक दिनचर्य के खान पान में सुधार किया जाये तो 5 से 7. किलो कम क्र सकते है |
3. कौन सा बेहतर जॉगिंग या सूर्य नमस्कार है?
किसी भी गतिविधी को अगर मन से और विश्वास के साथ किया जाये तो फायदे मंद होता है | जॉगिंग के तुलना में सूर्य नमस्कार ज्यादा कारगर माना गया है यह न सिर्फ शरीर पर बल्कि मन के लिए भी अच्छा है | चुस्ती और तंदुरुस्ती शरीर में बनाए रखता है जिस से काम में एकाग्रता बनी रहती है |